बोर्ड की बैठक में पारित प्रस्तावों के पुनःअनुमोदन का आदेश
मुकेश कुमार संवाददाता/अमन केसरी न्यूज़
रूद्रपुर ।नगर निगम बोर्ड द्वारा 16 अगस्त को आयोजित बैठक को चैलेंज करते हुये उच्च न्यायालय में दाखिल की गई जनहित याचिका का निस्तारण करते हुये माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायाधीश राकेश थपलियाल ने उक्त बैठक के प्रस्तावों के पुनः अनुमोदन का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय में दाखिल जनहित याचिका में वादी का आरोप था कि नगर निगम द्वारा 16 अगस्त 2023 को आयोजित बोर्ड की बैठक नियमों के विरूद्ध थी। नगर निगम,रुद्रपुर के नगर आयुक्त विशाल मिश्रा से प्रभार वापस लेने के बावजूद उनके द्वारा बैठक बुलाई गई और बैठक में भाग लिया। निगम ने कथित तौर पर अपने चुने हुए ठेकेदारों को 64 कार्य सौंपने के उद्देश्य से बोर्ड की इस बैठक को बुलाया गया। उच्च न्यायालय में नगर निगम की ओर से उपस्थित अधिवक्ता विपुल शर्मा ने जोरदार ढंग से निगम का पक्ष रखते हुये कहा कि उत्तराखंड नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा 101 के तहत विशाल मिश्रा नगर आयुक्त के रूप में बैठक में उपस्थित थे,क्योंकि उन्होंने 16 अगस्त 2023 को अपना प्रभार नहीं छोड़ा था। बैठक के बाद उसी तारीख को उन्होंने कार्यभार छोड़ दिया। बोर्ड की इस बैठक में नगर निगम की ओर से कई विकास कार्य कराने की महज मंजूरी दी गयी थीं। बोर्ड की बैठक का किसी ठेकेदार या निविदा से कोई सम्बंध नही था। जनहित याचिका पर सुनवाई के पश्चात मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायाधीश राकेश थपलियाल ने इसका निस्तारण करते हुये उक्त बैठक के प्रस्तावों के पुनः अनुमोदन का आदेश दिया है। न्यायालय के आदेश के पश्चात नगर निगम की उक्त बैठक में पारित प्रस्ताव के खारिज होने की जो जनचर्चाये चल रही थी अब उस पर विराम लग गया है। बहरहाल कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम के पास अब अगली बैठक आयोजित कर उक्त सभी प्रस्तावों पर पुनः अपनी मुहर लगाकर जनहित से जुड़े विकास कार्यो को शुरू करने रास्ता साफ हो गया है।
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