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Monday, October 6, 2025

जान ले विकास शर्मा को, अब तक के जीवन का कैसा रहा सफर

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मुकेश कुमार संवाददाता/अमन केसरी न्यूज

रुद्रपुर :-  नगर निगम चुनाव में भाजपा ने विकास शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। विकास शर्मा बेदाग नेता हैं और राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले हैं। उनका मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का करीबी होने का फायदा रुद्रपुर निगम क्षेत्र में रहने वालों का अवश्य लेना चाहिए। बालकाल से विकास शर्मा आरएसएस से जुड़ गए थे। उन्होंने संघ की प्रथम वर्ष की शिक्षा भी ली। वर्ष 2000 में छात्रसंघ से राजनीति करने वाले विकास शर्मा 2001 तक छात्र महासंघ के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। 2002 में उनका चयन भारतीय जनता युर्वा मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी में हुआ। 2003 से 2007 तक वो भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महामंत्री रहे हैं। 2007 में भाजपा ने उनकी संघर्षपूर्ण राजनीति को देखते हुए भाजयुमो बेरोजगार प्रकोष्ठ का प्रदेश संयोजक नियुक्त किया। 2010 से 2013 तक वो भाजयुमो के रुद्रपुर जिला अध्यक्ष रहे हैं। इसके बाद 2016 तक भाजयुमो के विभाग संयोजक की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें नैनीताल-ऊधमसिंह नगर के सांसद का प्रतिनिधि का दायित्व निभाने का मौका मिला। 2020 से वोल लगातार अभी तक व्यापार मंडल के अध्यक्ष की जिम्मेदारी शिद्दत से निभा रहे हैं। 2020 में ही उन्हें पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल का सदस्य बनाया गया है।
भाजपा प्रत्याशी विकास शर्मा की गिनती जुझारु और संघर्षशील नेताओं में की जाती है। भाजयुमो बेरोजगार प्रकोष्ठ का प्रदेश संयोजक रहते हुए उन्होंने सिडकुल में स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए 10 हजार युवाओं के साथ सिडकुल का घेराव कर लिया था। असंगठित श्रमिकों और कर्मचारियों का शोषण रोकने और उन्हें मुख्यधारा से जोडऩे के लिए कर्मचारी और श्रमिक संगठनों का गठन कराया। भाजयुमो में विभिन्न पदों पर रहते हुए विकास शर्मा ने जनता के द्वार कार्यक्रम चलाकर केेंद्र और राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को समाज के अंतिम आदमी तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया। अटल चौपाल के माध्यम से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में चौपाल आयोजित कर लोगों की समस्याओं का संबंधित अधिकारियोंं से त्वरित निस्तारण कराया। जिससे आम आदमी की मुश्किल आसान हुई। अटल खाद्यान योजना को सफल बनाने के लिए सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं की मनमानी रोकने के लिए विकास शर्मा आगे आए और मनमानी करने वाले कोटा धारकों के खिलाफ अभियान चलाकर छापामार कार्रवाई कराई। इससे गरीब उपभोक्ताओं को उनका हक दिलाया। कोराना काल में जब भाई ही भाई के पास नहींजा रहा था। गरीबों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट था तब विकास शर्मा ने घर-घर जाकर खाना और राशन का वितरण किया। लगातार 45 दिनों तक मेडिकल कालेज में आने वाले रोगियों को मास्क, सैनिटाइजर, चाय, नाश्ता और खाने की व्यवस्था कराई। चिकित्सकों के सहयोग से मेडिकल कालेज में रोगियों को भर्ती कराने में विकास शर्मा हमेशा मोदी के दूत की तरह खड़े रहते थे। विकास शर्मा की ये सारी खूबियां उन्हें औरों से अलग बनाती है। क्योंकि बाकी दलों के नेता सिर्फ चुनाव के समय ही जनता के बीच आते हैं और झूठे वादे करके जनता को ठगने का काम करते हैं।

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रुद्रपुर :-  नगर निगम चुनाव में भाजपा ने विकास शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। विकास शर्मा बेदाग नेता हैं और राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले हैं। उनका मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का करीबी होने का फायदा रुद्रपुर निगम क्षेत्र में रहने वालों का अवश्य लेना चाहिए। बालकाल से विकास शर्मा आरएसएस से जुड़ गए थे। उन्होंने संघ की प्रथम वर्ष की शिक्षा भी ली। वर्ष 2000 में छात्रसंघ से राजनीति करने वाले विकास शर्मा 2001 तक छात्र महासंघ के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। 2002 में उनका चयन भारतीय जनता युर्वा मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी में हुआ। 2003 से 2007 तक वो भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महामंत्री रहे हैं। 2007 में भाजपा ने उनकी संघर्षपूर्ण राजनीति को देखते हुए भाजयुमो बेरोजगार प्रकोष्ठ का प्रदेश संयोजक नियुक्त किया। 2010 से 2013 तक वो भाजयुमो के रुद्रपुर जिला अध्यक्ष रहे हैं। इसके बाद 2016 तक भाजयुमो के विभाग संयोजक की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें नैनीताल-ऊधमसिंह नगर के सांसद का प्रतिनिधि का दायित्व निभाने का मौका मिला। 2020 से वोल लगातार अभी तक व्यापार मंडल के अध्यक्ष की जिम्मेदारी शिद्दत से निभा रहे हैं। 2020 में ही उन्हें पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल का सदस्य बनाया गया है।
भाजपा प्रत्याशी विकास शर्मा की गिनती जुझारु और संघर्षशील नेताओं में की जाती है। भाजयुमो बेरोजगार प्रकोष्ठ का प्रदेश संयोजक रहते हुए उन्होंने सिडकुल में स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए 10 हजार युवाओं के साथ सिडकुल का घेराव कर लिया था। असंगठित श्रमिकों और कर्मचारियों का शोषण रोकने और उन्हें मुख्यधारा से जोडऩे के लिए कर्मचारी और श्रमिक संगठनों का गठन कराया। भाजयुमो में विभिन्न पदों पर रहते हुए विकास शर्मा ने जनता के द्वार कार्यक्रम चलाकर केेंद्र और राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को समाज के अंतिम आदमी तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया। अटल चौपाल के माध्यम से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में चौपाल आयोजित कर लोगों की समस्याओं का संबंधित अधिकारियोंं से त्वरित निस्तारण कराया। जिससे आम आदमी की मुश्किल आसान हुई। अटल खाद्यान योजना को सफल बनाने के लिए सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं की मनमानी रोकने के लिए विकास शर्मा आगे आए और मनमानी करने वाले कोटा धारकों के खिलाफ अभियान चलाकर छापामार कार्रवाई कराई। इससे गरीब उपभोक्ताओं को उनका हक दिलाया। कोराना काल में जब भाई ही भाई के पास नहींजा रहा था। गरीबों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट था तब विकास शर्मा ने घर-घर जाकर खाना और राशन का वितरण किया। लगातार 45 दिनों तक मेडिकल कालेज में आने वाले रोगियों को मास्क, सैनिटाइजर, चाय, नाश्ता और खाने की व्यवस्था कराई। चिकित्सकों के सहयोग से मेडिकल कालेज में रोगियों को भर्ती कराने में विकास शर्मा हमेशा मोदी के दूत की तरह खड़े रहते थे। विकास शर्मा की ये सारी खूबियां उन्हें औरों से अलग बनाती है। क्योंकि बाकी दलों के नेता सिर्फ चुनाव के समय ही जनता के बीच आते हैं और झूठे वादे करके जनता को ठगने का काम करते हैं।

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