मुकेश कुमार संवाददाता/अमन केसरी न्यूज़
रुद्रपुर :- रुद्रपुर में सैकड़ों विद्यालय गैर मान्यता के चल रहे हैं जिसमें लगभग 75% विद्यालय ट्रांजिट कैंप में गैर मान्यता के ही पूर्ण रूप से संचालित किया जा रहे हैं। ट्रांजिट कैंप में अधिकांश गरीब व अशिक्षित लोग निवास करते हैं विद्यालय स्वामी उनकी सादगी का नाजायज फायदा उठा रहे हैं अभिभावकों को जब अपने बच्चों का किसी अन्य विद्यालय में स्थानांतरण करना होता है तब बच्चों का दाखिला दूसरे विद्यालयों में नहीं हो पता है और उस समय अभिभावकों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है इन गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों में फीस की बात करें तो उनके स्वामी फीस नाम पर अभिभावकों को लूटने में कोई कमी नहीं छोड़ते हैं बावजूद इसके बच्चों का भविष्य ज्यों का त्यों अंधेरे में ही है, इतना ही नहीं इन सभी गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों में उच्चतम मूल्य की प्राइवेट पुस्तकें संचालित की जाती हैं और एक ही बुक सेलर के पास पुस्तकें लेने को अभिभावकों को सूचित किया जाता है विद्यालय स्वामी का बुक सेलर के बीच में कमीशन खोरी का खेल खुलेआम चल रहा है और कमीशन के खेल में अभिभावकों को खुलेआम लूटा जा रहा है इतना कुछ होने के बावजूद भी शिक्षा विभाग मौन है एक बड़ा सवाल उठता है कि गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय बच्चों के भविष्य के साथ ऐसे ही खिलवाड़ करते रहेंगे ? , क्या इन विद्यालयों पर कोई कार्यवाही नहीं होगी और होगी तो कब !
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बच्चों के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने साधी चुप्पी
मुकेश कुमार संवाददाता/अमन केसरी न्यूज़
रुद्रपुर :- रुद्रपुर में सैकड़ों विद्यालय गैर मान्यता के चल रहे हैं जिसमें लगभग 75% विद्यालय ट्रांजिट कैंप में गैर मान्यता के ही पूर्ण रूप से संचालित किया जा रहे हैं। ट्रांजिट कैंप में अधिकांश गरीब व अशिक्षित लोग निवास करते हैं विद्यालय स्वामी उनकी सादगी का नाजायज फायदा उठा रहे हैं अभिभावकों को जब अपने बच्चों का किसी अन्य विद्यालय में स्थानांतरण करना होता है तब बच्चों का दाखिला दूसरे विद्यालयों में नहीं हो पता है और उस समय अभिभावकों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है इन गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों में फीस की बात करें तो उनके स्वामी फीस नाम पर अभिभावकों को लूटने में कोई कमी नहीं छोड़ते हैं बावजूद इसके बच्चों का भविष्य ज्यों का त्यों अंधेरे में ही है, इतना ही नहीं इन सभी गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों में उच्चतम मूल्य की प्राइवेट पुस्तकें संचालित की जाती हैं और एक ही बुक सेलर के पास पुस्तकें लेने को अभिभावकों को सूचित किया जाता है विद्यालय स्वामी का बुक सेलर के बीच में कमीशन खोरी का खेल खुलेआम चल रहा है और कमीशन के खेल में अभिभावकों को खुलेआम लूटा जा रहा है इतना कुछ होने के बावजूद भी शिक्षा विभाग मौन है एक बड़ा सवाल उठता है कि गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय बच्चों के भविष्य के साथ ऐसे ही खिलवाड़ करते रहेंगे ? , क्या इन विद्यालयों पर कोई कार्यवाही नहीं होगी और होगी तो कब !
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