मुकेश कुमार संवाददाता/अमन केसरी न्यूज़
किच्छा। किच्छा विधानसभा में रेलवे स्टेशन के पास हस्तशिल्प प्रदर्शनी एवं बाल मेले की आड़ में लगी नुमाइश में जमकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। मगर स्थानीय प्रशासन हाथ पर हाथ रखे हुए बैठा है ओर किसी बड़े हादसे के इंतजार में बैठा हुआ है। पास ही बगल में एक गैस एजेंसी का गोदाम है तो दूसरी ओर पेट्रोल पंप बना हुआ है। मगर इन सब को ध्यान में न रखते हुए सम्बंधित विभाग ने इस नुमाई कि परमिशन दे डाली। चुनाव से पूर्व भी इस नुमाइश मे विवाद हुआ था जिसके बाद ईदगाह के निकट दो पक्षों में विवाद के बाद फायरिंग हुई थी। जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने चुनाव आचार सहिंता का हवाला देकर उक्त नुमाइश को कुछ समय के लिये बंद तो कर दिया मगर दोबारा फिर चलाने की अनुमति प्रदान कर दी। इतना ही नही कल तक इस मेले द्वारा उक्त मामले में फायर विभाग से अनुमति भी नही ली गई थी। इस मामले में सीएफओ ने खुद इस बात को भी स्वीकार किया कि उनके यहाँ इस नुमाइश की परमिशन के लिए कोई आवेदन नही आया। अगर प्रशासन के हैंड पर ली गई हैं तो उन्हें जानकारी नही है।
ऐसे में सवाल उठता है अगर आग जैसे कोई अनहोनी वाली घटना घट जाए तो पूरा ठीकरा सिर्फ फायर विभाग पर फुट जाएगा। जब एक सिस्टम के तहत कार्य होता है तो फायर विभाग से क्यों अनुमति नही ली गई और इतना लम्बे समय इस मेले को चलने की अनुमति किसके इशारे पर मिली।? कुल मिलाकर नियमो की किच्छा में भरपूर तरीके से इस नुमाइश में अनदेखी की जा रही है। इतना ही नही इस नुमाइश को बंद करने के लिये रात 10 बजे तक समय दिया गया है मगर रात 11:30 बजे तक मेला चलाया जा रही है और तो ओर रात पुलिस को भी 11:30 इस नुमाइश में जाकर बंद करवाना पड़ा ।
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किच्छा विधानसभा में हस्तशिल्प प्रदर्शनी एवं बाल मेले की आड़ में लगी नुमाइश में जमकर नियमों की उड़ाई जा रहीं धज्जियां
मुकेश कुमार संवाददाता/अमन केसरी न्यूज़
किच्छा। किच्छा विधानसभा में रेलवे स्टेशन के पास हस्तशिल्प प्रदर्शनी एवं बाल मेले की आड़ में लगी नुमाइश में जमकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। मगर स्थानीय प्रशासन हाथ पर हाथ रखे हुए बैठा है ओर किसी बड़े हादसे के इंतजार में बैठा हुआ है। पास ही बगल में एक गैस एजेंसी का गोदाम है तो दूसरी ओर पेट्रोल पंप बना हुआ है। मगर इन सब को ध्यान में न रखते हुए सम्बंधित विभाग ने इस नुमाई कि परमिशन दे डाली। चुनाव से पूर्व भी इस नुमाइश मे विवाद हुआ था जिसके बाद ईदगाह के निकट दो पक्षों में विवाद के बाद फायरिंग हुई थी। जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने चुनाव आचार सहिंता का हवाला देकर उक्त नुमाइश को कुछ समय के लिये बंद तो कर दिया मगर दोबारा फिर चलाने की अनुमति प्रदान कर दी। इतना ही नही कल तक इस मेले द्वारा उक्त मामले में फायर विभाग से अनुमति भी नही ली गई थी। इस मामले में सीएफओ ने खुद इस बात को भी स्वीकार किया कि उनके यहाँ इस नुमाइश की परमिशन के लिए कोई आवेदन नही आया। अगर प्रशासन के हैंड पर ली गई हैं तो उन्हें जानकारी नही है।
ऐसे में सवाल उठता है अगर आग जैसे कोई अनहोनी वाली घटना घट जाए तो पूरा ठीकरा सिर्फ फायर विभाग पर फुट जाएगा। जब एक सिस्टम के तहत कार्य होता है तो फायर विभाग से क्यों अनुमति नही ली गई और इतना लम्बे समय इस मेले को चलने की अनुमति किसके इशारे पर मिली।? कुल मिलाकर नियमो की किच्छा में भरपूर तरीके से इस नुमाइश में अनदेखी की जा रही है। इतना ही नही इस नुमाइश को बंद करने के लिये रात 10 बजे तक समय दिया गया है मगर रात 11:30 बजे तक मेला चलाया जा रही है और तो ओर रात पुलिस को भी 11:30 इस नुमाइश में जाकर बंद करवाना पड़ा ।
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