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Monday, December 23, 2024
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उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के एक आश्रित को सरकारी नौकरी में मिलेगा 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण

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मुकेश कुमार संवाददाता/अमन केसरी न्यूज़

 

उत्तराखंड  :-  उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के एक आश्रित को उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर समूह ग व घ के पदों पर सीधी नियुक्ति मिल सकेगी। उधर, सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने का रास्ता भी खुल गया है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार ने विधानसभा के पटल पर उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिन्हित आंदोलनकारियों तथा उनके आश्रितों को सरकारी सेवा में आरक्षण विधेयक रख दिया है।

राज्य सरकार ने इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार के वाद में दिए गए स्पष्टीकरण कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के अतिरिक्त सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अन्य पिछड़े वर्ग (जैसे बाढ़, चक्रवात, अग्निकांड, अकाल, युद्ध व दंगा पीड़ित) को भी आरक्षण प्रदान किया जा सकता है। इसके मद्देनजर सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी सेवा में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने का रास्ता निकाला है।

संशोधित विधेयक में यह प्रावधान भी किया है कि ऐसे आंदोलनकारी जो घायल हुए या फिर सात दिन से अधिक जेल में रहे, उन्हें समूह ग व घ के पदों पर सीधी नियुक्ति देने के लिए एक बार आयु सीमा तथा चयन प्रक्रिया को शिथिल किया जाएगा। जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित कमेटी शैक्षिक आधार पर यह नियुक्ति देंगे। यदि ऐसे चिन्हित आंदोलनकारियों की आयु 50 वर्ष से अधिक है अथवा वे शारीरिक व मानसिक रूप से अक्षम हैं तो फिर इस दशा में उनके एक आश्रित को यह लाभ मिलेगा।

इनको क्षैतिज आरक्षण सात दिन से कम अवधि तक जेल में रहे आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। आश्रितों में पति, पत्नी, पुत्र एवं अविवाहित अथवा विधवा पुत्री ही शामिल होगी। विदित है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद 2013 से आंदोलनकारियों को आरक्षण पर रोक है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद का जिक्र, क्या है पूरा मामला आप भी पढ़िए,
उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद के अध्यक्ष अवतार सिंह बिष्ट 30 अगस्त 2021 को शहीद स्मारक खटीमा में अपने राज्य आंदोलनकारी साथियों के साथ आमरण अनशन पर बैठे थे । सत्ताधारी नेताओं नौकरसही के संयुक्त प्रयास से। आमरण अनशन समाप्त कराया गया। आश्वासन दिया गया था की 1 सितंबर 2021 को शहीद स्मारक से राज्य आंदोलनकारी के पक्ष में घोषणा की जाएगी ।जिसमें 10% क्षैतिज आरक्षण की पहली बार शहीद स्मारक से ही घोषणा की गई थी। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद के लेटर हेड पर 10% आरक्षण का पूरा उल्लेख किया गया था। आज पूरे प्रदेश में राज्य आंदोलनकारी एवं उनके आश्रितों मैं हर्ष की लहर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शहीदों के सपनो का उत्तराखंड बनाएंगे।

उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद के अध्यक्ष अवतार सिंह बिष्ट ने राज्य आंदोलनकारी के पक्ष में की गई घोषणाओं का स्वागत किया है।

खबर व विज्ञापन के लिए संपर्क करें

मो .8218474080

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उत्तराखंड  :-  उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के एक आश्रित को उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर समूह ग व घ के पदों पर सीधी नियुक्ति मिल सकेगी। उधर, सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने का रास्ता भी खुल गया है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार ने विधानसभा के पटल पर उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिन्हित आंदोलनकारियों तथा उनके आश्रितों को सरकारी सेवा में आरक्षण विधेयक रख दिया है।

राज्य सरकार ने इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार के वाद में दिए गए स्पष्टीकरण कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के अतिरिक्त सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अन्य पिछड़े वर्ग (जैसे बाढ़, चक्रवात, अग्निकांड, अकाल, युद्ध व दंगा पीड़ित) को भी आरक्षण प्रदान किया जा सकता है। इसके मद्देनजर सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी सेवा में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण देने का रास्ता निकाला है।

संशोधित विधेयक में यह प्रावधान भी किया है कि ऐसे आंदोलनकारी जो घायल हुए या फिर सात दिन से अधिक जेल में रहे, उन्हें समूह ग व घ के पदों पर सीधी नियुक्ति देने के लिए एक बार आयु सीमा तथा चयन प्रक्रिया को शिथिल किया जाएगा। जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित कमेटी शैक्षिक आधार पर यह नियुक्ति देंगे। यदि ऐसे चिन्हित आंदोलनकारियों की आयु 50 वर्ष से अधिक है अथवा वे शारीरिक व मानसिक रूप से अक्षम हैं तो फिर इस दशा में उनके एक आश्रित को यह लाभ मिलेगा।

इनको क्षैतिज आरक्षण सात दिन से कम अवधि तक जेल में रहे आंदोलनकारियों व उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। आश्रितों में पति, पत्नी, पुत्र एवं अविवाहित अथवा विधवा पुत्री ही शामिल होगी। विदित है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद 2013 से आंदोलनकारियों को आरक्षण पर रोक है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद का जिक्र, क्या है पूरा मामला आप भी पढ़िए,
उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद के अध्यक्ष अवतार सिंह बिष्ट 30 अगस्त 2021 को शहीद स्मारक खटीमा में अपने राज्य आंदोलनकारी साथियों के साथ आमरण अनशन पर बैठे थे । सत्ताधारी नेताओं नौकरसही के संयुक्त प्रयास से। आमरण अनशन समाप्त कराया गया। आश्वासन दिया गया था की 1 सितंबर 2021 को शहीद स्मारक से राज्य आंदोलनकारी के पक्ष में घोषणा की जाएगी ।जिसमें 10% क्षैतिज आरक्षण की पहली बार शहीद स्मारक से ही घोषणा की गई थी। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद के लेटर हेड पर 10% आरक्षण का पूरा उल्लेख किया गया था। आज पूरे प्रदेश में राज्य आंदोलनकारी एवं उनके आश्रितों मैं हर्ष की लहर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शहीदों के सपनो का उत्तराखंड बनाएंगे।

उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद के अध्यक्ष अवतार सिंह बिष्ट ने राज्य आंदोलनकारी के पक्ष में की गई घोषणाओं का स्वागत किया है।

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